भारत में मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) या नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में अक्सर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। कुछ लोग इसे एक वैध व्यापार मॉडल मानते हैं, जबकि अन्य इसे धोखाधड़ी या पिरामिड स्कीम के रूप में देखते हैं। इस लेख में हम यह समझेंगे कि भारत में MLM व्यवसाय लीगल है या अवैध, और इस क्षेत्र में किस प्रकार के नियम और कानून लागू होते हैं।
MLM क्या है?

MLM (मल्टी-लेवल मार्केटिंग) एक व्यापार मॉडल है जिसमें उत्पादों या सेवाओं की बिक्री के लिए लोगों को विभिन्न स्तरों पर जोड़ा जाता है। इस प्रणाली में, हर व्यक्ति न केवल अपनी बिक्री से लाभ कमाता है, बल्कि उन लोगों से भी कमीशन प्राप्त करता है, जिन्हें उसने भर्ती किया है। यह “रेफरल सिस्टम” के रूप में काम करता है, जिसमें एक व्यक्ति अपने नेटवर्क के माध्यम से उत्पादों को बेचने के लिए अन्य लोगों को जोड़ता है और इन लोगों द्वारा की गई बिक्री पर कमीशन प्राप्त करता है।
MLM व्यवसाय मुख्यतः उत्पादों या सेवाओं के प्रचार और बिक्री के लिए काम करता है, लेकिन कई बार इसमें पिरामिड स्कीम के तत्व भी शामिल होते हैं, जिनके कारण यह कानूनी विवादों में घिर सकता है।
भारत में MLM व्यवसाय की कानूनी स्थिति
भारत में MLM व्यवसाय के लिए कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन इससे जुड़े कुछ सामान्य नियम और अधिनियम हैं जो MLM व्यवसाय की वैधता या अवैधता पर असर डाल सकते हैं।

1. पिरामिड स्कीम के खिलाफ कानून
भारत में पिरामिड स्कीम (pyramid schemes) को अवैध माना जाता है। पिरामिड स्कीम वह प्रणाली है जिसमें केवल नए लोगों की भर्ती से पैसा कमाया जाता है, बिना किसी वास्तविक उत्पाद या सेवा की बिक्री के। इसमें नए लोगों को पहले निवेश करने के लिए कहा जाता है और वे अन्य लोगों को भर्ती करके अपने पैसे की वसूली करते हैं। इस प्रकार की योजना को भारतीय कानून में धोखाधड़ी माना जाता है।
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत, पिरामिड स्कीम के संचालन पर प्रतिबंध है। इसके अलावा, प्रोवीजनल डिक्री 2009 और धोखाधड़ी और अवैध व्यापार (Fraudulent and Unfair Trade Practices) अधिनियम 1956 में पिरामिड स्कीमों को गैरकानूनी घोषित किया गया है।
अगर MLM व्यवसाय केवल एक नेटवर्क को बढ़ावा देने पर केंद्रित है और इसमें कोई वास्तविक उत्पाद या सेवा शामिल नहीं है, तो यह पिरामिड स्कीम के रूप में माना जाएगा और इसे अवैध करार दिया जाएगा।
2. समान्य MLM व्यवसाय और कानून
हालांकि पिरामिड स्कीम अवैध हैं, एक सामान्य MLM व्यवसाय जो उत्पादों या सेवाओं की बिक्री पर केंद्रित है, वह कानूनी हो सकता है, बशर्ते कि वह इन पंक्तियों के तहत संचालित हो:
- वास्तविक उत्पाद की बिक्री: MLM व्यवसाय को केवल तब वैध माना जा सकता है जब वह एक वास्तविक उत्पाद या सेवा बेचता हो। यदि किसी कंपनी का मुख्य उद्देश्य केवल नए लोगों को जोड़ने और उनसे शुल्क लेने का है, तो यह एक पिरामिड स्कीम मानी जाएगी और अवैध होगी।
- सतर्कता और पारदर्शिता: MLM कंपनियों को अपने व्यवसाय की प्रक्रिया, उत्पादों और उनकी कीमतों के बारे में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भर्ती करने के बजाय उत्पादों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
- न्यूनतम निवेश: कई MLM कंपनियां नए सदस्य से एक निर्धारित निवेश राशि प्राप्त करती हैं, लेकिन इस राशि के बदले उन्हें वास्तविक उत्पाद या सेवा दी जाती है। यह निवेश नहीं बल्कि एक खरीदारी मानी जाती है। यदि कोई कंपनी इसके बजाय किसी व्यक्ति से केवल भर्ती करने के लिए शुल्क ले रही है, तो यह अवैध होगा।
3. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और MLM व्यवसाय
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी MLM और पिरामिड स्कीमों पर अपनी चिंता व्यक्त की है। कई बार MLM कंपनियां निवेशकों को उच्च लाभ का वादा करती हैं, जो कि केवल नए निवेशकों से प्राप्त राशि पर आधारित होता है। जब यह कंपनियां अपने वादों को पूरा नहीं कर पातीं, तो निवेशक बड़ी मात्रा में पैसे खो बैठते हैं।
रिज़र्व बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान ऐसे MLM नेटवर्क पर नजर रखते हैं जो बिना किसी उत्पाद या सेवा के केवल निवेशकों से पैसा जमा करने का काम करते हैं। ऐसे मामलों में RBI और अन्य संबंधित संस्थाएं हस्तक्षेप करती हैं और धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई करती हैं।
MLM व्यवसाय से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम
भारत में MLM व्यवसाय की वैधता के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- व्यापार मॉडल का सही संचालन: MLM व्यवसायों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे केवल उत्पादों या सेवाओं की बिक्री पर केंद्रित हैं, न कि केवल भर्ती पर।
- न्यूनतम निवेश की सीमा: कंपनियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सदस्य को कितना निवेश करना है और इस निवेश के बदले उन्हें क्या मिलेगा। यह निवेश केवल उत्पादों की खरीदारी के रूप में होना चाहिए, न कि केवल भर्ती शुल्क के रूप में।
- विज्ञापन और प्रचार: MLM कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं के बारे में सही जानकारी देना अनिवार्य है। कोई भी गलत विज्ञापन, जिससे उपभोक्ताओं को धोखा हो, अवैध माना जाएगा।
- रिटर्न पॉलिसी और विवाद समाधान: MLM कंपनियों को अपनी रिटर्न पॉलिसी और विवाद समाधान प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना चाहिए। इसके अलावा, ग्राहकों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना चाहिए।
भारतीय सरकार की भूमिका और सावधानियाँ
भारत सरकार ने MLM व्यवसायों की निगरानी के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत कंपनियों को लाइसेंस प्राप्त करना होता है, और उन्हें उन व्यवसायों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है जो धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा नियमित रूप से जांच की जाती है, ताकि पिरामिड स्कीमों और अवैध MLM योजनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
भारत में MLM व्यवसाय तब तक कानूनी है जब तक वह पिरामिड स्कीम की बजाय वास्तविक उत्पादों या सेवाओं की बिक्री पर केंद्रित होता है। इसके लिए आवश्यक है कि MLM कंपनियां पारदर्शी और नैतिक तरीके से अपना कारोबार चलाए, और भर्ती के बजाय उत्पादों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करें। यदि MLM कंपनियां केवल नए लोगों को जोड़ने और उनसे पैसा वसूलने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, तो यह अवैध मानी जाएगी और इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सभी उपभोक्ताओं और संभावित व्यवसायिक भागीदारों को इस तरह के व्यवसायों में शामिल होने से पहले उचित शोध और जांच करनी चाहिए। यदि किसी MLM व्यवसाय में संदेह हो, तो बेहतर होगा कि उससे दूरी बनाई जाए, क्योंकि इससे किसी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होने का खतरा हो सकता है।